
हलद्वानी को कुमाऊँ का प्रवेश द्वार यानि कुमाऊँ का मुख्य प्रवेश द्वार कहा जाता है। उन्नत चिकित्सा सुविधाओं के अलावा, हल्द्वानी को मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ों तक आर्थिक और पर्यटक गतिविधियों का केंद्र भी माना जाता है।

अब आप कहेंगे कि ये तो आम बात है, ये तो सब जानते हैं, लेकिन शायद जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी ये नहीं जानते.
इसीलिए आज हलद्वानी शहर को पहाड़ों से जोड़ने वाली मुख्य सड़कों पर सैकड़ों गाड़ियों का लंबा जाम लग गया और लोग बेहद परेशान हालत में नजर आए. ऐसा क्यों हुआ इसकी वजह जानकर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल, आज मुख्यमंत्री द्वारा काठगोदाम बस डिपो में बस टर्मिनल का शिलान्यास किया गया और करोड़ों की योजनाओं का लोकार्पण भी किया गया.
लेकिन इस दौरान लोग जाम से परेशान दिखे. जाम से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन के पास धरातल पर कोई योजना नहीं थी. शिवरात्रि के महापर्व के चलते शिवभक्तों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वीआईपी कल्चर के कारण सैकड़ों गाड़ियां घंटों जाम में फंसी रहीं, लोग मंदिर नहीं जा सके, महिलाएं और बुजुर्ग समेत दूर-दराज के यात्री स्टेशन नहीं पहुंच सके, लोगों की ट्रेनें छूट गईं, मरीज जाम में फंसे रहे. ट्रैफिक जाम, लोगों का कारोबार भी. प्रभवित हुआ।
लेकिन प्रशासन को जनता की परेशानी से कोई सरोकार नहीं दिखा, जनता घंटों परेशान रही. बड़ा सवाल यह है कि क्या आला अधिकारियों के पास जनता को परेशानी से बचाने का कोई उपाय है या सिर्फ छपाई से ही काम चल जायेगा.
आखिर कब तक प्रशासनिक अधिकारियों की नाकामी का खामियाजा जनता भुगतती रहेगी?