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वनाग्नि की घटनाओं की प्रभावी रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री ने ली समीक्षा बैठक

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने वन प्रशिक्षण अकादमी में वन, पेयजल एवं विद्युत विभाग की समीक्षा बैठक करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। वनाग्नि की घटनाओं की प्रभावी रोकथाम एवं कार्मिकों का मनोबल बनाये रखने हेतु वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर फील्ड में रहने के निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल की फायर लाइनें, जो अभी भी अस्तित्व में हैं, उन्हें बहाल किया जाना चाहिए ताकि जंगलों को वनाग्नि से काफी हद तक बचाया जा सके।

बैठक लेते हुए सीएम ने वन विभाग के कर्मियों को ग्रामीणों के साथ बेहतर समन्वय बनाने का भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि बेहतर समन्वय और संबंधों के साथ वे किसी भी प्रकार की आपदा के समय ग्रामीण क्षेत्रों में सहयोगी की भूमिका निभाएंगे. इससे आपदा के प्रभाव को कम करने में काफी हद तक मदद मिलेगी और ग्रामीण भी अपने जंगलों से जुड़ाव महसूस करेंगे। इसके साथ ही समय-समय पर पेड़ों की छंटाई भी करते रहना चाहिए।

 

सीएम ने कहा कि समय के साथ वन विभाग वनाग्नि की घटनाओं से निपटने में काफी हद तक माहिर हो गया है. हर साल जंगलों को आग से बचाने के लिए हर संभव कोशिश की जाती है. इस दिशा में वन विभाग को राज्य के लिए एक समावेशी योजना तैयार करनी चाहिए ताकि हर साल होने वाली आग की घटनाओं को कम किया जा सके। देश-विदेश के विकसित मॉडलों का अध्ययन कर आवश्यकतानुसार अपने प्रदेश की योजना में शामिल किया जाये।

 

बैठक में मुख्य वन संरक्षक पीके ने बताया कि सभी फायर वाचरों को पिरूल एकत्र करने के निर्देश दिये गये हैं। ताकि भविष्य में आवश्यकतानुसार इसका उपयोग किया जा सके। सीएम ने कहा कि वन विभाग निचले स्तर से अपना ढांचा मजबूत करे, ताकि कार्यों को बेहतर ढंग से क्रियान्वित किया जा सके.

 

 

सीएम ने सड़क निर्माण एजेंसियों को निर्माण में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया. साथ ही सड़क सुरक्षा के लिए लगाए जा रहे क्रैश बैरियरों पर क्षेत्र की पारिस्थितिकी के अनुसार पौधे लगाने को कहा। गर्मी के मौसम में आमजन को पेयजल की समस्या न हो, इसके लिए पेयजल आपूर्ति सुचारु करने तथा जहां भी पेयजल लाइन किसी कारण से बाधित है, वहां अतिरिक्त टैंकर लगाकर पेयजल आपूर्ति करने के निर्देश दिये गये. कारण।सरकारी कार्यालयों में सोलर पैनल को बढ़ावा देने के लिए बिजली विभाग को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

 

 

बैठक में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि यदि फरवरी 2019 से मई 2024 तक जंगल में आग लगने की घटनाओं की तुलना की जाए तो पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कम आग लगने की घटनाएं हुई हैं। जहां साल 2019 में 348, 2020 में 07, 2021 में 286, 2022 में 133, 2023 में 123 और 2024 में 132 घटनाएं हुईं। यह डेटा 15 फरवरी से जून तक का है।

 

 

बैठक में विधायक लालकुआ डॉ. मोहन बिष्ट, डीआइजी डॉ. योगेन्द्र रावत, जिलाधिकारी वन्दना सिंह, एसएसपी पीएन मीना, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, मण्डी परिषद अध्यक्ष अनिल कपूर, मुख्य वन संरक्षण अधिकारी पीके कारकून, डीएफओ टीआर बीजूलाल, अधीक्षण अभियंता जल संस्थान विशाल सक्सैना। एनडीआरएफ अनिल कुमार के साथ ही पीडब्लूडी और बिजली विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.

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