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अगर आपको भी कब्ज़ और एसिडिटी की है परेशानी तो भूलकर भी न करें इन चीज़ो का इस्तेमाल

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पित्त दोष में एसिडिटी, कब्ज आदि जैसी समस्याएं आम हैं। ऐसे में आपको कटहल खाने से बचना चाहिए. कटहल एक चिपचिपी सब्जी है, जो पित्त दोष को बढ़ाती है। इसके अलावा कटहल की सब्जी पाचन शक्ति पर भी असर डालती है, जिससे कब्ज, एसिडिटी आदि समस्याएं हो सकती हैं।अगर आपकी त्वचा पर लालिमा, खुजली और पेट में जलन और एसिडिटी बनी रहती है तो ये सभी पित्त दोष के लक्षण हैं।

 

 

गर्मियों में आमतौर पर हर व्यक्ति पित्त दोष की समस्या से पीड़ित रहता है। ऐसे में आपको भोजन के दौरान कुछ सब्जियों और फलों के सेवन से अनिवार्य रूप से बचना चाहिए।पिछले 40 वर्षों से पतंजलि में सेवा दे रहे आयुर्वेदाचार्य भुवनेश पांडे का कहना है कि पित्त से पीड़ित लोगों को कुछ सब्जियों और फलों का सेवन नहीं करना चाहिए। इनमें सबसे पहला है बैंगन। पित्त प्रकृति के लोगों को बैंगन का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि बैंगन की प्रकृति बहुत गर्म होती है, ऐसे में शरीर में पित्त दोष बढ़ सकता है। इससे पेट में जलन और त्वचा पर खुजली हो सकती है। है।

 

 

आयुर्वेद में पित्त प्रकृति वाले लोगों को भिंडी न खाने की सलाह दी जाती है। भिंडी की प्रकृति गर्म होती है.  पित्त प्रकृति वाले लोगों का शरीर भिंडी की गर्म प्रकृति को सहन नहीं कर पाता है, जिसके कारण शरीर में विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं होने लगती हैं।हालांकि संतरे और मौसमी की प्रकृति ठंडी होती है, फिर भी पित्त प्रकृति के लोगों को इन्हें खाने से परहेज करने की सलाह दी जाती है।

 

 

दरअसल, संतरा और मौसमी खट्टे फलों में शामिल हैं, पित्त दोष में खट्टी चीजों से परहेज करना जरूरी है, नहीं तो पित्त की समस्या बढ़ सकती है।कीवी की तासीर ठंडी होती है, लेकिन स्वाद में यह खट्टा-मीठा होता है। इसलिए पित्त दोष होने पर इसे खाने से बचना चाहिए। आयुर्वेदाचार्य के अनुसार जिन लोगों को पित्त की समस्या है उन्हें खट्टे फल, खट्टे खाद्य पदार्थ जैसे अचार, इमली आदि का सेवन करने से भी बचना चाहिए।

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