
दुनिया में एक और युद्ध की तस्वीर बनने लगी है. दक्षिण चीन सागर की परत जंग की आवाज से ऊंची उठ रही है. चीन और ताइवान एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं. दोनों के बीच तनाव सातवें आसमान पर है. कब युद्ध छिड़ जाए कोई नहीं जानता. ताइवान को नया राष्ट्रपति मिले अभी चार दिन भी नहीं हुए कि चीन घबरा गया है. चीन ने विनाशकारी हथियारों के साथ ताइवान का दरवाजा खटखटाया है.
ड्रैगन ने ताइवान को चारों तरफ से घेरकर खतरनाक सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है।उधर, ताइवान भी चीन को करारा जवाब देने के लिए तैयार है। उसने अपनी सेना भी भेज दी है. चीन घबराया हुआ है क्योंकि ताइवान को लाई चिंग-ते के रूप में नया राष्ट्रपति मिल गया है. शपथ लेते ही उन्होंने चीन को झटका दे दिया. लाई चिंग-ते को चीन का कट्टर विरोधी माना जाता है।
दरअसल, चीन ने गुरुवार सुबह-सुबह ताइवान द्वीप के आसपास एक बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू किया।चीन अपने खतरनाक और विनाशकारी हथियारों के साथ यह सैन्य अभ्यास कर रहा है। चीन ने ताइवान के आसपास इस सैन्य कार्रवाई को पनिशमेंट ड्रिल का नाम दिया है. चीन की इस सैन्य ड्रिल में सेना, नौसेना, वायुसेना और रॉकेट फोर्स सभी शामिल हैं। इसका मतलब है कि चीन ने इस ड्रिल में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है. दूसरे शब्दों में कहें तो ड्रैगन ताइवान को डराने की कोशिश कर रहा है।
हताश चीन ताइवान के आसपास संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहा है। चीन का यह सैन्य अभ्यास ताइवान जलडमरूमध्य, ताइवान के उत्तर, दक्षिण और पूर्व में हो रहा है। इतना ही नहीं, ड्रैगन ताइवान के नियंत्रण वाले किनमेन, मात्सु, विकुउ और डोंगियन द्वीप समूह के आसपास के इलाकों में भी सैन्य अभ्यास के जरिए अपनी ताकत दिखा रहा है। चीन ने इस ड्रिल में मिसाइलों से लेकर खतरनाक लड़ाकू विमानों तक को शामिल किया है. सैन्य अभ्यास में ड्रैगन ने जिंदा मिसाइलें और दर्जनों लड़ाकू विमान तैनात किए हैं।
चीन इस सैन्य अभ्यास को उन लोगों के लिए जवाब बता रहा है जो ताइवान की आजादी चाहते हैं। चीन ताइवान के नये राष्ट्रपति को अलगाववादी मानता है. दरअसल, चीन ताइवान पर अपना दावा करता है। वह ताइवान की आजादी को कुचलने की हर कोशिश करता है। हालांकि चीन की इस सैन्य ड्रिल के खिलाफ ताइवान भी पूरी तरह से तैयार है. उसने अपनी सेना को चीनी तट की ओर भेज दिया है.
ताइवान का कहना है कि उसकी सेना अपने देश की रक्षा करने में सक्षम है.चीन की किसी भी नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए ताइवान की सेना ने मोर्चा संभाल लिया है.चीन की घबराहट की असली वजह स्वतंत्र ताइवान है. चीन ताइवान पर कब्ज़ा चाहता है. वह स्वतंत्र ताइवान के ख़िलाफ़ हैं. फिलहाल उनकी बेचैनी की वजह ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते हैं।
पद संभालने के बाद ही राष्ट्रपति लाई ने चीन को दो टूक जवाब दे दिया. उन्होंने कहा था कि चीन को ताइवान को सैन्य धमकी नहीं देनी चाहिए. राष्ट्रपति लाई ने कहा था कि ताइवान चीन से नहीं डरता. हालाँकि, इस पर चीन की पहली प्रतिक्रिया आज़ादी को भूल जाने की थी।आपको बता दें कि लाई ने इसी साल जनवरी में चुनाव जीता था. इसके बाद सोमवार को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली. बीजिंग नहीं चाहता था कि लाई और उनकी पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) ताइवान पर शासन करे। चाइना लाई को फूटी आंख भी पसंद नहीं है.