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स्वार :एक तरफ गर्मी ढा रही कहर,दूसरी तरफ ग्रामीण इलाको में बिजली खेल रही आंख मिचौली।

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मई का महीना अब खत्म होने को है और गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है, देश के कई हिस्सों के साथ ही प्रदेश में भी भयंकर गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है,विभाग की माने तो अभी गर्मी और अधिक सताएगी, गर्मी आते हैं, बिजली विभाग भी आना कानी करना शुरू कर देता है खासतौर से ग्रामीण इलाकों को तो बिजली घर खासतौर अनदेखा करता है उत्तर प्रदेश में ग्रामीण इलाके को बिजली देने की दर साल दर साल कम हो रही है, एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में साल 2018-19 में 19 घंटे 6 मिनट आपूर्ति दी जा रही थी, लेकिन साल 2019-20 में 17 घंटे 2 मिनट दी गई और साल 2022-23 में 16 इसे घटा कर 9 मिनट कर दिया गया है.

 

लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और ही है, अगर बात रामपुर ज़िले की स्वार तहसील के गाँवो की बात करे तो यहाँ 10 घंटे भी बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है, जबकि स्वार नगर में बिजली की आपूर्ति ठीक- ठाक दी जा रही है, हालांकि नगर से ज़्यादा आबादी ग्रामीण इलाकों में बसती हैं,

 

 

लेकिन बिजली विभाग हो या प्रशासन सब का ध्यान नगरीये इलाको में ही बना रहता है, अब बड़ा सवाल यह है कि क्या ग्रामीण अपना विधायक या संसद चुनने या सरकार बनने के लिए मतदान नहीं करता, सबसे ज़्यादा आबादी गाँवो में रहती है और गांवो से ही मतदान होता है, लेकिन सड़क हो या बिजली या और दूसरी मूलभूत  सुविधाएं सबसे ज़्यादा उसका लाभ शहरी इलाको को मिलता है,

 

 

स्वार तहसील के दर्जनों गाँवो में बिजली आपूर्ति न के बराबर हो रही है,पूरी रात बिजली गायब रहती है, अगर आई तो कभी एक घंटा या दो घंटा या 15 मिनट के बाद बिजली खींच लेते हैं, ग्रामीण लोगो का कहना है कि अगर बिजली घर फ़ोन करो तो पहले तो बहाना बना देते हैं अगर ज़्यादा कहो तो  बोलते हैं बिजली ऊपर से गायब हैं,चुनाव से पहले नेता लोग बड़े बड़े वायदे करते हैं,

 

घोषणाएँ की जाती है कि बड़े पॉवर बड़ा बिजली घर बनेगा लेकिन ज़मीनी स्तर पर सच्चाई कुछ और ही होती है, गाँवो में बिजली आपूर्ति लगातार कम होती जा रही है, और सुनवाई कही नहीं,जब नेताओ और बिजली विभाग को मालूम है, कि लोड ज़्यादा होता है गर्मियों में तो ज़्यादा पावर का बिजली घर क्यों नहीं बनवाया जाता, नेताओ के वायदे चुनाव तक सिमित होते हैं, चुनाव खत्म होते ही सारे वायदे ठंडे बस्ते में पड़  जाते हैं,

 

और खामयाज़ा लोगो को भुगतना पड़ता है उनमें भी  खासतौर पर ग्रामीण लोग, अभी गर्मी और अपना भयंकर रूप दिखाएगी, लेकिन स्वार के ग्रामीण इलाको में बिजली कम ही दी जायगी,मालूम नहीं कब जाकर गाँवो में सही से बिजली की आपूर्ति ठीक होगी साल साल बीत जायगे लेकिन नेताओ के वायदे पूरे नहीं होंगे और अगर पूरे भी हुए तो सिर्फ अपने स्थानीय नगर के लिए गाँवो के लिए , देशभर में गर्मी से कई लोगो की मौत हो गई है और मौसम विभाग ने चेतावनी भी दी, सुबह से ही तापमान ऊपर भागता है और दोपहर तक गर्मी बर्दाश्त के बाहर हो जाती है,,

 

 

स्वार के गांव जहाँ बिजली आपूर्ति बेहद कम हो रही है उनमे रुस्तम नगर, छपर्रा , मधुपुरा , लखीमपुर ,मिलक असदखान, समोदिया धनपुर शाहदरा, मिलक काज़ी,सोनकपुर फरीदपुर,खरदिया ,मिलक गुलाम खान, इमरतपुर आदि गाँव शामिल हैं यहाँ लोगो में बिजली महकमे के खिलाफ बेहद आक्रोश  देखने को मिल रहा है

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