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गुर्जर माफिया के आगे धामी के अधिकारी लाचार वन संपदा को कर रहा बर्बाद

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उत्तराखंड के मुखिया पुष्कर सिंह धामी भले ही अपने अधिकारियों को माफियाओं पर कार्रवाई करने के पड़े निर्देश देते हो लेकिन इन निर्देशो की जमीनी हकीकत क्या है आज हम इससे आपको रूह वा रूह कर रहे हैं।

 

नैनीताल जिले के रामनगर में स्थित तराई पश्चिमी डिविजन रामनगर की रेंज आमपोखरा में दो गुर्जर भूमि माफियाओं का ऐसा खेल देखने को मिल रहा है इसको सुनने के बाद आप सोचने को मजबूर हो जाएंगे की उत्तराखंड में किस कानूनी व्यवस्था के गुणगान उत्तराखंड की बड़ी-बड़ी कुर्सियों पर बैठे प्रशासनिक अधिकारी करते हैं मामला आमपोखरा रेंज से जुड़ा है जहां पर दो गुर्जर माफिया का आतंक देखने को मिल रहा हैं,.

 

आमपोखरा रेंज के तुमड़िया खत्ता में निवास कर रहे एक माफिया का तो आलम यह है कि सरकारी प्राथमिक विद्यालय की आड़ में जमकर वन भूमि पर अतिक्रमण कर रहा है जब मन चाहे राजकीय प्रथमिक विद्यालय को अपनी मर्जी से वन विभाग की भूमि पर कही भी बना देता है इस राजकीय प्राथमिक विद्यालय की आड़ में लगभग 2 महीने में 1 हेक्टेयर वन भूमि पर कब्जा कर चुका है ये माफ़िया सागौन के बेशुमार कीमती हरे पेड़ को काटकर तस्करी करता और छोटे पौधों के नष्ट कर पर अतिक्रमण कर अपना स्वामित्व स्थापित कर लेता है।

 

 

इस माफिया के खिलाफ वन विभाग और रामनगर कोतवाली में एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज होने के बावजूद भी वन विभाग जेल की सलाखों के पीछे भेजने पर नाकाम नजर आ रहा है। इसका एक साथी जो दूसरा गुर्जर माफिया है ओर इसका ही सगा रिस्तेदार है वह आमपोखरा रेंज की ठंडा पानी खात्ते में अपना साम्राज्य जमाये हुए हैं इस गुर्जर माफिया ने वन विभाग की भूमि से हजारों की तादाद में पेड़ पौधों को नष्ट कर लगभग 100 एकड़ वन भूमि पर अपना साम्राज्य जमा लिया है इस गुर्जर माफिया के ऊपर हाथी को मार कर उसके दांत तस्करी का मामला भी दर्ज ।

 

 

है जिसमें वन विभाग ने इस गुर्जर माफिया और उसके परिवार को हाथी दांत के साथ रंगे हाथ पकड़ा था वन विभाग को इन दोनों माफियाओं की बारे में सारी जानकारी होने के बावजूद भी वन विभाग के अधिकारी इनके ऊपर कार्यवाही करने को तैयार नहीं है और जब इनके खिलाफ सूचना या कोई शिकायत वन विभाग में की जाती है तो उस शिकायत में कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति कर दी जाती है।

 

तुमड़िया खत्ता में स्थित गुर्जर माफिया के द्वारा वर्तमान में भी हरे सागौन के पेड़ों में अपनी तारबाड़ लगाकर कब्जे की दावेदारी ठोक दी गई है वन विभाग को इस प्रकरण की पूरी जानकारी होने के बाद भी वन विभाग कोई भी कार्रवाई करने को तैयार नहीं कुछ दिन बाद ये गुर्जर माफिया इन हरे पेड़ो को काटकर इनकी तस्करी कर देगा और वन विभाग की जमीन पर अपना कब्जा कर उस पर फसल लगा देगा आखिर इस माफिया के ऊपर वन विभाग कड़ी कार्यवाही कर जेल की सलाखों के पीछे भेजने में नाकाम है।

 

या फिर ये साठगांठ का पूरा मामला है क्या धामी जी के निर्देशों के बाद भी ऐसे माफियाओं को वन विभाग सह दे रहा है यह एक बड़ा गंभीर सवाल है उत्तराखंड के मुखिया पुष्कर सिंह धामी भले ही उत्तराखंड में माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश अपने अधिकारियों को देते लेकिन अधिकारी रामनगर में किस तरीके से धाकड़ धामी के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं उसकी बानगी बया करने के लिए यह प्रकरण काफी है अब देखने वाली बात होगी कि क्या इन माफियाओं पर वन विभाग कार्रवाई करता है या नहीं या फिर कार्यवाही के नाम पर शांतिपूर्वक तरीके से जीवन व्यतीत कर रहे वन गुर्जरों पर कार्यवाही करके इन माफियाओं का बचाव कर देगा क्योंकि हर बार यह देखने में आता है।

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