Haldwani : मोरा गांव गांव निवासी 48 वर्षीय पुष्पा देवी अपने घर में रोज की तरह रात करीब 10 बजे सो रही थीं। तभी अचानक जंगल से आया एक तेंदुआ घर में घुस गया और पुष्पा देवी को खींचता हुआ जंगल की ओर ले गया। घर के अंदर तेंदुए का यूं दाखिल हो जाना न सिर्फ क्षेत्र की सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है, बल्कि वन्यजीवों के बढ़ते खतरे की भी गंभीर चेतावनी है।
घटना के समय आसपास के ग्रामीणों ने शोरगुल सुनकर मौके की ओर दौड़ लगाई और तुरंत वन विभाग को सूचना दी। कुछ ही देर में रेंजर मुकुल शर्मा के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। गंभीर रूप से घायल पुष्पा देवी को आनन-फानन में गांव के युवाओं ने जैसे-तैसे नीचे लाया और सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
सड़क नहीं होने से हुई देरी, उठे सवाल
गांव के स्थानीय युवा हर्षित जीना और गौरव रमोला ने बताया कि गांव तक सड़क नहीं होने के कारण पुष्पा देवी को समय रहते अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका। “अगर गांव तक सड़क होती तो महिला को जल्दी अस्पताल ले जाया जा सकता था और शायद उनकी जान बच जाती,” उन्होंने कहा।
गांव में दहशत, सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना के बाद पूरे गांव में गम और डर का माहौल है। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों में तेंदुए के भय से रात में बाहर निकलने से परहेज़ किया जा रहा है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि तत्काल इलाके में गश्त बढ़ाई जाए और तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जाएं।
रेंजर मुकुल शर्मा ने जानकारी दी कि तेंदुए की पहचान की जा रही है और क्षेत्र में पिंजरे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही रात्रिकालीन गश्त बढ़ाने की योजना भी बनाई जा रही है।
प्रशासन और नेताओं से उम्मीद
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि न केवल सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, बल्कि गांव को जल्द से जल्द सड़क सुविधा से भी जोड़ा जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।