उत्तराखंड में मानसून ने विकराल रूप धारण कर लिया है। बीते दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य के अधिकांश इलाकों में नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं, वहीं भूस्खलन और जलभराव ने परिवहन और जनसंपर्क पूरी तरह ठप कर दिया है।
मौसम विभाग का अलर्ट:
मौसम विभाग ने आज देहरादून, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, उधमसिंह नगर और टिहरी जिलों में भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं बाकी जिलों में येलो अलर्ट घोषित किया गया है। एहतियातन आठ जिलों के स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है।
नदियां खतरे के निशान पर:
-
ऋषिकेश में गंगा नदी खतरे के स्तर के पास बह रही है।
-
हरिद्वार में गंगा का जलस्तर 292.75 मीटर दर्ज हुआ, जबकि खतरे का निशान 294 मीटर है।
-
नौगांव में यमुना नदी का जलस्तर 1058.64 मीटर पर पहुंच गया।
-
पिथौरागढ़ की काली नदी 889 मीटर पर बह रही है जबकि खतरे का स्तर 890 मीटर है।
-
जोशीमठ में अलकनंदा व सत्यनारायण क्षेत्र की सॉन्ग नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।
सड़कें बंद, रास्ते ध्वस्त:
राज्य में चार मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कुल 117 सड़कें बंद हैं। इनमें 5 राज्य मार्ग और 79 ग्रामीण मार्ग शामिल हैं। बागेश्वर जिले में दुगनापुरी और कब कोर्ट के इलाकों में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने 10 और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है।
नैनीताल-हल्द्वानी हाईवे मलबा आने के कारण बंद हो गया है। हल्द्वानी में चोरगलिया मार्ग को भी असुरक्षित घोषित कर बंद कर दिया गया है। ये वही मार्ग है जो पिछले साल गौला नदी के भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुआ था, और अब तक पूरी तरह दुरुस्त नहीं हो पाया है।
भूस्खलन और मकानों को खतरा:
बागेश्वर जिले में एक ग्रामीण का मकान मलबे की चपेट में आकर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। पीछे से भारी मलबा आने की संभावना बनी हुई है जिससे स्थानीय लोगों में डर बना है।
प्रशासन अलर्ट मोड में:
जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं।
-
बंद सड़कों को खोलने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य जारी है।
-
बिजली बाधित क्षेत्रों में मरम्मत कार्य हो रहा है।
-
लोगों से अपील की गई है कि नदी किनारे जाने से बचें, और पर्वतीय क्षेत्रों की यात्रा से परहेज करें।
निष्कर्ष:
उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता इन दिनों मुसीबत में बदल गई है। जहां एक ओर लगातार हो रही बारिश खेतों और जल स्रोतों को संजीवनी दे रही है, वहीं दूसरी ओर जनजीवन को जोखिम में डाल रही है। प्रशासन पूरी सतर्कता से काम कर रहा है, लेकिन आमजन से सहयोग की सबसे बड़ी अपेक्षा है।
