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हल्द्वानी के शांत कहे जाने वाले गौलापार क्षेत्र में एक ऐसी अमानवीय घटना सामने आई है, जिसने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया है। केवल 10 वर्षीय मासूम अमित मौर्या की जिस तरह निर्मम हत्या की गई, उसने समाज की संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया है। परिजनों और स्थानीय लोगों का गुस्सा गुरुवार को काठगोदाम चौकी के घेराव के रूप में फूट पड़ा, जहां उन्होंने न्याय की मांग को लेकर पुलिस प्रशासन से जवाब मांगा।

कोल्ड ड्रिंक लेने निकला अमित… फिर कभी घर नहीं लौटा

घटना सोमवार, 4 अगस्त की है, जब अमित अपने घर से पास की दुकान तक कोल्ड ड्रिंक लेने निकला था। माता-पिता को क्या पता था कि यह उनका बेटे को आखिरी बार देखना होगा। देर शाम तक न लौटने पर परिजनों ने तलाश शुरू की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।

मंगलवार को पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिक टीम के साथ सर्च ऑपरेशन चलाया। यह अभियान उस वक्त भयावह मोड़ पर पहुंच गया जब एक आम के बगीचे में अमित का शव जमीन में दफन पाया गया।

जो दृश्य सामने आया, उसने रुला दिया सबकोकरीब तीन फीट गहरे गड्ढे में मिट्टी के नीचे से निकला अमित का शव एक कट्टे में बंद था। उसका सिर और एक हाथ की कलाई गायब थी। कटे हुए अंगों की स्थिति ने जांच टीम को भी स्तब्ध कर दिया। शव के पास से खून से सने कपड़े भी मिले। यह किसी सोच-समझकर की गई, योजनाबद्ध और अमानवीय हत्या का संकेत था।

गौलापार में डर और सन्नाटा, हर चेहरा सवालों से भरा

घटना के बाद गौलापार में मातम और डर का माहौल है। लोग एक-दूसरे से नजरें नहीं मिला पा रहे, क्योंकि कोई नहीं जानता कि इंसानी शक्ल में राक्षस उनके बीच कौन है। स्थानीय निवासियों ने अपने बच्चों को अकेले बाहर भेजना बंद कर दिया है।

मासूम की ऐसी दरिंदगी भरी हत्या ने अभिभावकों के दिलों में गहरी असुरक्षा की भावना भर दी है।

परिजनों का फूटा गुस्सा – “हमारे अमित को इंसाफ चाहिए”

गुरुवार को अमित के परिजन और क्षेत्रवासी काठगोदाम चौकी पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सवाल किया –
“हमारे मासूम अमित की इस नृशंस हत्या का इंसाफ कब मिलेगा?”
उनकी मांग है कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सजा दी जाए।