Spread the love

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद अंतर्गत मुनस्यारी क्षेत्र के दाफा गांव में मंगलवार को अचानक हुए भीषण भूस्खलन से पूरे गांव में दहशत फैल गई। ऊंची पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा दरकने से कई घरों को भारी नुकसान पहुंचा है। हालांकि, समय रहते सतर्क हुए ग्रामीणों की सूझबूझ के चलते एक बड़ी त्रासदी टल गई और कोई जनहानि नहीं हुई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोपहर के समय जोरदार आवाज के साथ पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा नीचे गिरा। आवाज सुनते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई और लोग घर छोड़कर खुले स्थानों की ओर भागने लगे। इस दौरान पहाड़ी से आए मलबे ने कई मकानों को अपनी चपेट में ले लिया।

प्रभावितों में खुशाल सिंह, मोहन सिंह, उमेश सिंह, केसर राम सहित कई ग्रामीणों के मकानों को भारी क्षति पहुंची है। घरों की दीवारें चटक गईं, छतें गिर गईं और घरों में रखा सारा सामान मलबे में दब गया। गांव की गलियां और रास्ते भी मलबे से पूरी तरह अवरुद्ध हो गए हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि पहाड़ी पर पहले से दरारें देखी जा रही थीं, लेकिन इतनी बड़ी घटना की आशंका किसी को नहीं थी। गनीमत रही कि दिन का समय होने के कारण अधिकांश लोग घरों से बाहर थे या काम में व्यस्त थे, अन्यथा स्थिति और भयावह हो सकती थी।

प्रशासनिक प्रतिक्रिया:
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। राजस्व विभाग की टीम द्वारा नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को अस्थाई राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। मुनस्यारी के तहसीलदार ने बताया कि आपदा राहत कोष से शीघ्र ही सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

स्थानीय मांगें और चिंता:
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पहाड़ी की जांच कर वहां से पुनः भूस्खलन न हो, इसके लिए स्थायी समाधान निकाला जाए। साथ ही प्रभावित परिवारों को शीघ्र मुआवजा और पुनर्वास सहायता दी जाए।

पर्यावरणीय चेतावनी:
विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार हो रही वर्षा और भूमि की नाजुक बनावट के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। यदि समय रहते स्थायी सुरक्षात्मक उपाय नहीं किए गए, तो आने वाले समय में यह क्षेत्र और अधिक आपदा संभावित बन सकता है।