पौड़ी / उत्तरकाशी, उत्तराखंड | 7 अगस्त 2025
उत्तराखंड में आसमान से बरस रही आफत ने फिर एक बार अपने प्रचंड रूप से पहाड़ों को दहला दिया है। लगातार हो रही तेज बारिश से प्रदेश के कई हिस्सों में भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बुधवार सुबह पौड़ी जिले के बुरासी गांव में भारी भूस्खलन के कारण दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं कई मवेशियों के भी मलबे में दबकर मरने की सूचना है।
सुबह का समय था, जब ग्रामीण रोज़ की तरह अपने कार्यों में व्यस्त थे। तभी अचानक पहाड़ी से भारी गर्जना के साथ मलबा गिरा और दो महिलाएं – सरस्वती देवी (48) और कमला देवी (51) – उसमें दब गईं। जब तक ग्रामीण भागकर मौके पर पहुंचे, तब तक दोनों की सांसें थम चुकी थीं। गांव में मातम पसर गया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

बारिश का कहर सिर्फ बुरासी गांव तक सीमित नहीं रहा। नजदीकी सैजी गांव में भी कई घरों को भारी नुकसान पहुंचा है। दीवारें दरक गई हैं, मकान खतरे की जद में आ गए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल राहत व सहायता की गुहार लगाई है।
उत्तरकाशी में प्राकृतिक आपदा का भीषण दृश्य
इसी बीच, उत्तरकाशी जिले के धाराली क्षेत्र में मंगलवार को आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। यहां बादल फटने और अचानक आए मलबे के कारण 70 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें दिन-रात जुटी हुई हैं।
बिजली, संचार और सड़कें ठप
लगातार हो रही बारिश से राज्य के कई हिस्सों में बिजली और दूरसंचार सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। मलारी हाईवे पर करीब 20 मीटर सड़क का हिस्सा बह गया, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है। कई जगहों पर ग्रामीणों ने खुद ही रास्ते खोलने की कोशिश की है।
प्रशासन मुस्तैद, लेकिन चुनौतियां विकराल
प्रशासन ने कहा है कि हर प्रभावित क्षेत्र में राहत पहुंचाई जा रही है। परंतु लगातार हो रही बारिश, टूटे हुए रास्ते और बिगड़ता मौसम बचाव कार्यों में बड़ी बाधा बन रहा है। जिला अधिकारी ने बताया कि मृतकों के परिजनों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।
लोगों की पीड़ा और अपील
गांव के बुजुर्ग कहते हैं – “हम हर साल डर में जीते हैं, कभी बादल फटते हैं, कभी भूस्खलन होता है। अब तो लगता है ये बारिश हमारा सब कुछ छीन लेगी।” उन्होंने सरकार से पहाड़ी क्षेत्रों के लिए विशेष सुरक्षा नीति बनाने की अपील की।
