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मुरादाबाद:
फेसबुक पर एक अनजान फ्रेंड रिक्वेस्ट ने पुलिस दरोगा की जिंदगी में ऐसा तूफान ला दिया जिसकी कीमत उसे चार लाख रुपये और समाज में शर्मिंदगी के रूप में चुकानी पड़ी। मेरठ निवासी महिला पर दरोगा ने हनीट्रैप, ब्लैकमेलिंग और अश्लील वार्तालाप के जरिए वसूली का गंभीर आरोप लगाया है। सोशल मीडिया का ज़्यादा इस्तेमाल से आज कल के नौजवान और बच्चो को गलत रास्ते पर ला रहा है जिससे अश्लीलता लगातार बढ़ रही है

थाना सिविल लाइंस में तैनात दरोगा अर्जुन सिंह के अनुसार, सोशल मीडिया पर “निशा सैनी” नाम की महिला से 2022 में फेसबुक पर दोस्ती हुई थी। शुरुआत में मामूली बातचीत से शुरू हुआ रिश्ता धीरे-धीरे निजी चैट्स तक पहुंच गया। महिला ने खुद को परेशान और ठगी की शिकार बताकर हमदर्दी हासिल की। दरोगा, जो कानून का रखवाला था, धीरे-धीरे जाल में फंसता चला गया।

सोशल मीडिया का अंधेरा सच

यह कोई पहला मामला नहीं है। सोशल मीडिया आज मनोरंजन और मेलजोल का माध्यम तो है, पर साथ ही यह अश्लील चैटिंग, फर्जी प्रोफाइल्स और हनीट्रैप का सबसे आसान हथियार बन चुका है।
निशा सैनी जैसी महिलाएं फर्जी आईडी से पुरुषों से दोस्ती करती हैं, फिर अश्लील वीडियो कॉल, चैट और भावनात्मक ब्लैकमेलिंग के जरिए लाखों रुपये ऐंठ लेती हैं।

दरोगा ने बताया कि जब उसने पैसे देने से इंकार किया, तो महिला ने धमकी दी कि “अगर पैसे नहीं दिए तो मैं अश्लील चैट और फोटो वायरल कर दूंगी, और नौकरी भी खत्म करवा दूंगी।” डर के चलते उसने कई बार गूगल पे से रकम भेजी — जो कुल मिलाकर चार लाख रुपये तक पहुंच गई।

महिला का काला रिकॉर्ड

जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी निशा सैनी पर दिल्ली और मेरठ में दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग और आईटी एक्ट के कई मुकदमे पहले से दर्ज हैं। वह पुलिसकर्मियों को टारगेट बनाकर उनकी निजी जानकारी हासिल करती थी और फिर उन्हें “सोशल मीडिया स्कैंडल” में फंसा देती थी।

पीड़ित दरोगा ने पहले डीआईजी और एसएसपी को शिकायत दी, लेकिन कार्रवाई न होने पर कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर सिविल लाइंस थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

युवाओं के लिए सबक

यह मामला सिर्फ एक दरोगा की कहानी नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी है।
आज सोशल मीडिया पर अश्लीलता और दिखावटी रिश्तों की महामारी फैल चुकी है।
लोग फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से पहले नहीं सोचते कि स्क्रीन के उस पार कौन बैठा है — एक इंसान या एक जालसाज।
हर तस्वीर, हर चैट और हर वीडियो, ब्लैकमेलिंग का हथियार बन सकता है।

नसीहत:

“क्लिक से पहले सोचो, क्योंकि एक क्लिक आपकी इज़्ज़त, नौकरी और जिंदगी — तीनों छीन सकता है।”

सोशल मीडिया बना अश्लीलता और ब्लैकमेलिंग का अड्डा

आज फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर अश्लील कंटेंट, फर्जी आईडी और डिजिटल ब्लैकमेलिंग तेजी से बढ़ रही है।
जहाँ पहले ये मंच मनोरंजन और संवाद का माध्यम थे, वहीं अब ये नैतिक पतन और सामाजिक विघटन का केंद्र बनते जा रहे हैं।
महिलाएँ और पुरुष दोनों ही अपने फायदे के लिए फर्जी प्रोफाइल, वीडियो कॉल और चैटिंग के जरिए लोगों की निजी जानकारी हासिल कर लेते हैं और बाद में उसी को ब्लैकमेलिंग का हथियार बना लेते हैं।