केमरी (रामपुर): विदेश जाने का सपना देख रहे एक युवक के अरमान उस वक्त चकनाचूर हो गए जब न्यूजीलैंड का वीज़ा फ़र्ज़ी निकला। पुलिस ने इस मामले में पीलीभीत ज़िले के थाना पूरनपुर क्षेत्र के ग्राम मकरंदपुर निवासी अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया है, जबकि दो अन्य आरोपी अब भी फरार हैं।
21 लाख की ठगी से टूटा सपना
थानाध्यक्ष हिमांशु चौहान ने बताया कि ग्राम पिपलिया अहला निवासी जगजीत सिंह कंबोज ने 30 मार्च 2024 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
उसने आरोप लगाया था कि अमृतपाल सिंह ने अपने साथियों रमनदीप कौर और लखबिंदर सिंह के साथ मिलकर उसे न्यूजीलैंड भेजने का झांसा दिया।
तीनों ने युवक से 21 लाख रुपये वसूले और कथित तौर पर वीज़ा व टिकट देकर विदेश रवाना कर दिया।
लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट पर चेकिंग के दौरान अधिकारियों ने बताया कि वीज़ा फ़र्ज़ी है। नतीजतन, युवक को देश से बाहर जाने की अनुमति नहीं मिली और उसे वापस लौटा दिया गया।
धमकियों से बढ़ी परेशानी
जगजीत सिंह ने बताया कि जब उसने आरोपी पक्ष से अपने पैसे लौटाने की बात की, तो उन्होंने पहले टालमटोल की और बाद में उसे जान से मारने की धमकी दी।
लंबे समय तक परेशान रहने के बाद युवक ने थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए छानबीन शुरू की। सोमवार को पुलिस ने आरोपी अमृतपाल सिंह को तीन पानी चौराहा, केमरी के पास से गिरफ्तार कर लिया।
थाना प्रभारी के अनुसार, “आरोपी से पूछताछ की जा रही है, जबकि बाकी दो आरोपियों की तलाश में दबिशें दी जा रही हैं।”
विदेशी सपनों पर ठगी का साया
यह कोई पहला मामला नहीं है। उत्तर भारत में हाल के वर्षों में विदेश भेजने के नाम पर फ़र्ज़ी एजेंसियों और दलालों द्वारा युवाओं से लाखों रुपये ठगने के कई मामले सामने आए हैं।
युवाओं का विदेश जाने का सपना अब अपराधियों के लिए कमाई का ज़रिया बन गया है।
पुलिस की अपील
पुलिस प्रशासन ने जनता से अपील की है कि
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किसी भी एजेंट या कंपनी के झांसे में न आएं,
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वीज़ा और दस्तावेज़ों की जांच सरकारी दूतावास या अधिकृत चैनलों से ही करवाएं,
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और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना पुलिस को दें।
