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RAMPUR UP : शाहबाद क्षेत्र से एक बार फिर इंसाफ की मिसाल पेश करने वाला मामला सामने आया है। सात वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म के प्रयास के दोषी युवक टिंकू को विशेष न्यायालय ने 20 वर्ष के कठोर कारावास और 61 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायालय ने आदेश दिया है कि जुर्माने की राशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी।

घटना 11 मार्च 2024 की शाम की है। शाहबाद कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति दूध बेचने का कार्य करते हैं। उनकी सात वर्षीय बेटी उस दिन शाम पांच बजे घर के पास मंदिर परिसर में खेल रही थी।

उसी दौरान गांव का रहने वाला टिंकू वहां पहुंचा और बच्ची को बहला-फुसलाकर अपने घेर (पशु बांधने का स्थान) में ले गया। आरोप है कि उसने वहां कमरे में बंद कर बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। लेकिन बच्ची की चीख सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंच गए, जिन्हें देखकर आरोपी वहां से फरार हो गया।

घटना की सूचना पर परिजनों ने तुरंत शाहबाद कोतवाली में तहरीर दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पॉक्सो एक्ट समेत अपहरण और बंधक बनाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। विवेचना पूरी कर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।

मुकदमे के दौरान बचाव पक्ष ने आरोपी को बेगुनाह बताते हुए झूठा फंसाए जाने की दलील दी, लेकिन अभियोजन पक्ष ने सात गवाहों और ठोस साक्ष्यों के आधार पर अपराध को साबित कर दिया।

विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) रामगोपाल सिंह ने अभियोजन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए आरोपी टिंकू को 20 वर्ष कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा दुष्कर्म प्रयास में, सात वर्ष और 10 हजार रुपये अपहरण में, तथा एक वर्ष और एक हजार रुपये कमरे में बंद करने की धारा में सुनाई।

न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि सभी सजाएं समानांतर चलेंगी, और कुल जुर्माने की रकम 61 हजार रुपये पीड़ित बालिका को दी जाएगी।

विशेष लोक अभियोजक सुमित शर्मा ने कहा —

“यह फैसला उन सभी अपराधियों के लिए चेतावनी है जो मासूमों के साथ दरिंदगी करने की सोच रखते हैं। अदालत ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि बच्चियों के खिलाफ अपराध करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”