Nainital uk : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कालाढूंगी थाना क्षेत्र के चर्चित गौकशी मामले में आरोपी नाबालिग की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया।
मामला 23 अक्टूबर का है, जब कालाढूंगी थाना क्षेत्र में कुछ हिंदू संगठनों द्वारा एक वाहन में गौमांस ले जाने की अफवाह फैलने के बाद हंगामा हो गया था। घटना के दौरान गाड़ी पर पथराव और तोड़फोड़ की गई, साथ ही चालक के साथ मारपीट कर उसे जान से मारने की कोशिश की गई थी। पुलिस ने इस मामले में 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिनमें बैलपड़ाव निवासी पियूष वर्मा का नाम भी शामिल किया गया।
पियूष वर्मा की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि वह घटना के समय घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। वह 16 वर्ष का छात्र है और उस दिन ट्यूशन से घर लौट रहा था। याचिकाकर्ता ने पुलिस पर झूठा फंसाने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी।
सुनवाई के दौरान अदालत ने माना कि याचिकाकर्ता नाबालिग है, ऐसे में उसकी गिरफ्तारी से पहले जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के प्रावधानों का पालन किया जाना आवश्यक है। अदालत ने कहा कि किसी नाबालिग को बिना ठोस सबूतों के गिरफ्तारी की प्रक्रिया में शामिल करना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।
न्यायालय ने इस टिप्पणी के साथ नाबालिग की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी और याचिका को निस्तारित कर दिया है।
