देहरादून।अंकिता भंडारी को गायब हुए आज पांच दिन हो गये, जिस रिजॉर्ट में वह कार्यरत थी उनके ऊपर केवल लीपापोती की कार्रवाई हो रही है।साक्ष्य मिटाने के लिए शासन-प्रशासन ने अपराधियों को पर्याप्त समय दे दिया है। शायद संदिग्ध व्यक्तियों का सत्ता से जुड़ाव तो कारण नहीं है? पहले रिजॉर्ट्स के नाम पर उल्टे-सुल्टे कामों से धनाढ्य हुए लोग हमारी जमीनें खरीद रहे हैं। अब हमारी साधनहीनता का फायदा उठाकर हमारी बच्चियों का शोषण हो रहा है। अंकिता का तो एक मामला है। यदि सरकार और प्रशासन बेपरवा रहे हमारी बहुमूल्य आध्यात्मिक संस्कृति की धज्जियां, हमारे गांव, गाड़-गधेरों में लूटने वालों का हम राज्य बनकर रह जायेंगे। एक स्पष्ट नीति, नियमावली, निगरानी व जांच तंत्र खड़े किए बिना अंधाधुंध रिजॉर्ट खोलने की खुली नीति पर विचार करना आवश्यक है।
अंकिता भंडारी प्रकरण में कार्यवाही के नाम पर हो रही लीपापोती-हरीश रावत
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