
भारत के प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर आई अफवाहों ने उनके प्रशंसकों को चिंता में डाल दिया था, जब रविवार की रात उनके निधन की खबरें फैल गई थीं। हालांकि, यह अफवाह साबित हुई, और उनके भतीजे अमीर औलिया ने ट्विटर के जरिए स्पष्ट किया कि उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन नहीं हुआ है। उन्होंने लिखा, “मैं उनका भतीजा हूं, और उनका निधन नहीं हुआ है। उनकी हालत गंभीर है, हम उनके जल्द ठीक होने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। कृपया गलत सूचना को फैलने से रोकें।”
उस्ताद जाकिर हुसैन की बहन खुर्शीद ने भी इस अफवाह पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके भाई की हालत गंभीर है, लेकिन वे अभी भी हमारे बीच हैं। उनकी सांसें तेज हैं, और हम मीडिया से अनुरोध करते हैं कि इस गलत जानकारी को फैलने से रोकें।
जाकिर हुसैन, जिन्होंने अपने पिता उस्ताद अल्लाह राखा से संगीत की तालीम ली, भारतीय संगीत के सबसे महान उस्तादों में से एक माने जाते हैं। 9 मार्च 1951 को मुंबई में जन्मे जाकिर हुसैन ने 11 साल की उम्र से तबला बजाना शुरू किया और आज उनकी पहचान एक विश्वस्तरीय कलाकार के रूप में है।
राकेश चौरसिया, उनके करीबी दोस्त और मुरलीवादक, ने पिछले हफ्ते बताया था कि उस्ताद जाकिर हुसैन ब्लड प्रेशर की समस्याओं से जूझ रहे हैं, जिससे उनकी तबियत और भी गंभीर हो गई है।
उस्ताद जाकिर हुसैन को उनके संगीत क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है, और उनके निधन की अफवाहों ने उनके फैन्स और संगीत जगत को हिलाकर रख दिया।